पटना न्यूज डेस्क: बिहार को सड़क संपर्क के क्षेत्र में ऐतिहासिक तोहफा मिला है। राज्य की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक पटना–पूर्णिया एक्सप्रेसवे को अब राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे का दर्जा दे दिया गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर इसे नेशनल एक्सप्रेसवे-9 (NE-9) घोषित कर दिया है। खास बात यह है कि यह बिहार का पहला एक्सप्रेसवे होगा, जो पूरी तरह राज्य की सीमा के भीतर बनेगा।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इसे बिहार के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मदद से इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा किया जाएगा। एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद पटना से पूर्णिया की दूरी सिर्फ 3 घंटे में तय की जा सकेगी। इससे सीमांचल और आसपास के इलाकों में सामाजिक और आर्थिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
करीब 250 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे की शुरुआत हाजीपुर (एनएच-22) के मीरनगर अरेज़ी से होगी और यह कई इलाकों से गुजरते हुए पूर्णिया जिले के हंसदाह में एनएच-27 (ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर) से जुड़ेगा। परियोजना में 21 बड़े पुल, 140 छोटे पुल, 11 रेलवे ओवरब्रिज, 21 इंटरचेंज और 322 अंडरपास बनाए जाएंगे। साथ ही समस्तीपुर, सहरसा और मधेपुरा जैसे जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए संपर्क मार्ग भी तैयार होंगे।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है और यह परियोजना 6 जिलों के 29 प्रखंडों और 250 से अधिक गांवों से होकर गुजरेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सड़क से रोजगार, व्यापार और शिक्षा के नए अवसर खुलेंगे और यह उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच मजबूत कड़ी साबित होगी। कुल मिलाकर, राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे-9 का दर्जा मिलना बिहार की विकास यात्रा में मील का पत्थर माना जा रहा है।